पुरुषोतम मास माहात्म्य/अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 23
Adhik Mas chapter-23 दृढ़धन्वा राजा बोला – हे मुनियों में श्रेष्ठ! हे दीनों पर दया करने वाले!
Adhik Mas chapter-23 दृढ़धन्वा राजा बोला – हे मुनियों में श्रेष्ठ! हे दीनों पर दया करने वाले!
Adhik Mas chapter-22 दृढ़धन्वा राजा बोला – हे तपोधन! पुरुषोत्तम मास के व्रतों के लिए विस्तार
Adhik Mas chapter-21 बाल्मीकि मुनि बोले:- इसके बाद फिर प्रतिभा की अनलोत्तारण क्रिया करके
सूतजी बोले
:-
हे विप्रो! नारायण के मुख से राजा दृढ़धन्वा के पूर्वजन्म का वृत्तान्त
Adhik Mas chapter-19 श्रीसूत जी बोले – हे तपस्वियो! इस प्रकार कहते हुए प्राचीन मुनि नारायण को
Adhik mas chapter-18 नारद जी बोले – हे तपोनिधे! उसके बाद साक्षात् भगवान् बाल्मीकि मुनि ने
Adhik mas chapter-17 नारदजी बोल:- हे कृपा के सिन्धु! उसके बाद जागृत अवस्था को प्राप्त उस राजा
Adhik mas chapter-16 श्रीनारायण बोले:- हे महाप्राज्ञ! हे नारद! बाल्मीकि ऋषि ने जो परम अद्भुत
Adhik mas chapter-15
श्रीनारायण बोले
:-
सुदेवशर्म्मा ब्राह्मण हाथ जोड़कर गद्गद
Adhik mas chapter-14
श्रीनारायणजी बोले
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इसके बाद चिन्ता से आतुर राजा दृढ़धन्वा के