पुरुषोतम मास माहात्म्य/अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 13
Adhik Mas chapter- 13 ऋषि लोग बोले:- हे सूत! हे महाभाग! हे सूत! हे बोलने वालों में श्रेष्ठ!
Adhik Mas chapter- 13 ऋषि लोग बोले:- हे सूत! हे महाभाग! हे सूत! हे बोलने वालों में श्रेष्ठ!
Adhik mas chapter-12 नारदजी बोले:- जब भगवान् शंकर चले गये तब हे प्रभो! उस बाला ने शोककर क्या
कृष्ण और राधा के अमर-निस्वार्थ प्रेम को बचपन से हमें बताया गया है। श्री राधा कृष्ण ने सच्चे निष्काम
श्री भगवद गीता में कहा गया है कि श्री कृष्ण और कृष्ण का नाम एक ही है। इसलिए, जब आप हरे कृष्ण का जाप
Adhik mas chapter-11 नारदजी बोले:- सब मुनियों को भी जो दुष्कर कर्म है ऐसा बड़ा भारी तप जो इस
नारद जी बोले:- 'हे तपोनिधे! परम क्रोधीदुर्वासा मुनि ने विचार करके उस कन्या से क्या उपदेश दिया। सो
adhik mas chapter-09 सूतजी बोले:- तदनन्तर विस्मय से युक्त नारद मुनि ने मेधावी ऋषि की कन्या का
सनातन धर्म के अनुसार, सनातन धर्म एक विश्व-दृष्टिकोण है जो प्रकृति में विश्वव्यापी है। और जिसका पालन
सूतजी बोले
हे तपोधन! विष्णु और श्रीकृष्ण के संवाद को सुन सन्तुष्टमन नारद, नारायण से
सूतजी बोले:- हे तपोधन! आप लोगों ने जो प्रश्न किया है वही प्रश्न नारद ने नारायण से किया था सो