पुरुषोतम मास माहात्म्य/अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 11
Adhik mas chapter-11 नारदजी बोले:- सब मुनियों को भी जो दुष्कर कर्म है ऐसा बड़ा भारी तप जो इस
Adhik mas chapter-11 नारदजी बोले:- सब मुनियों को भी जो दुष्कर कर्म है ऐसा बड़ा भारी तप जो इस
नारद जी बोले:- 'हे तपोनिधे! परम क्रोधीदुर्वासा मुनि ने विचार करके उस कन्या से क्या उपदेश दिया। सो
adhik mas chapter-09 सूतजी बोले:- तदनन्तर विस्मय से युक्त नारद मुनि ने मेधावी ऋषि की कन्या का
सूतजी बोले
हे तपोधन! विष्णु और श्रीकृष्ण के संवाद को सुन सन्तुष्टमन नारद, नारायण से
सूतजी बोले:- हे तपोधन! आप लोगों ने जो प्रश्न किया है वही प्रश्न नारद ने नारायण से किया था सो
नारदजी बोले– भगवान् गोलोक में जाकर क्या करते हैं ? हे पापरहित! मुझ श्रोता के ऊपर कृपा करके कहिये ॥ १
adhik mas:- मल मास द्वारा अपने मर जाने की प्रार्थना भगवन श्री हरि को करना
देवऋषि नारद
<br
अधिक मास माहात्म्य, चतुर्थ अध्याय, मल मास का बैकुठ में जाना और भगवान श्री हरि को अपनी व्यथा
अधिक मास माहात्म्य, तृतीय अध्याय, मल मास का बैकुठ में जाना सूतजी के श्री मुख से पवन कथा सुनते हुए
सूतजी बोले– राजा परीक्षित के पहुंचने पर भगवान शुकदेवजी द्वारा कथित पुण्यप्रद श्रीमद् भागवत कथा,