कैसे गुजरेगी ये पूरी जिंदगी तेरे इंतजार में
गोपी भाव
कैसे गुजरेगी ये पूरी जिंदगी तेरे इंतजार में
अभी तो कुछ पल ही काटे हैं तेरे इंतजार में
ये कुछ पल कई सदियों के जैसे बीतते हैं तेरे इंतजार में
ये सांसे बोझिल सी लगती है तेरे इंतजार में
आंखों में अश्क आते हैं पर डरती हूँ कैसे कहूंगी किसी से कि यह बहते हैं तेरे इंतजार में
खुद ही खुद से लापता हो गए हैं एक तेरे इंतजार में
क्या मेरी खामोशी तुझ तक जा कर यह नहीं कहती कोई बैठा है तेरे इंतजार में
सच कहूं ना जाने ना जाने कैसे गुजरेगी यह पूरी जिंदगी तेरे इंतजार में तेरे इंतजार में
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