हिंदी महीनों के नाम | Hindi mahino ke naam
जब आपस कोई पूछे कि कौन सा महीना चल रहा है तो तुरंत यही जवाब मिलता होगा- जनवरी या फरवरी। भारत के युवा को बच्चो को भी महीनों के नाम याद कराते समय हम जनवरी, फरवरी, मार्च ही याद कराते हैं। यहां तक कि भारत में भी ऐसे कई लोग हैं जो अंग्रेजी तो नहीं जानते, लेकिन अगर उनसे महीने के नाम पूछने पर वे इन्हीं महीनों के ही नाम बताते हैं। जबकि जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल ये अंग्रेजी कैलेंडर के नाम हैं, हिंदी के नहीं। आज हम आपको बताते हैं हिंदी कैलेंडर के सभी 12 महीनों के नाम
हिंदी कैलेंडर से सभी महीनों के नाम(Hindi mahino ke naam):-
Hindi month name list in Hindi हिंदी कैलेंडर(hindu calendar mahino ke naam) में चैत्र साल का पहला और फाल्गुन साल का आखिरी महीना होता है। हिंदी धर्म में आने वाले सभी महीनों के नाम इस प्रकार हैं- चैत्र, बैसाखी, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन।
महीनो के नाम संस्कृत और अंग्रेजी में Months Name in Sanskrit and Hindi
क्र. सं. | संस्कृत में नाम | हिंदी में नाम | अंग्रेजी महीने (Greek) |
1 | चैत्र: | चैत्र | मार्च-अप्रैल |
2 | वैशाख: | वैशाख | अप्रैल-मई |
3 | ज्येष्ठ: | ज्येष्ठ | मई-जून |
4 | आषाढ़: | आषाढ़ | जून-जुलाई |
5 | श्रावण: | श्रावण | जुलाई-अगस्त |
6 | भाद्रपद: | भाद्रपक्ष | अगस्त-सितम्बर |
7 | आश्विन: | आश्विन | सितम्बर-अक्टूबर |
8 | कार्तिक: | कार्तिक | अक्टूबर-नवम्बर |
9 | मार्गशीर्ष: | मार्गशीष | नवम्बर-दिसम्बर |
10 | पौष: | पौष | दिसम्बर-जनवरी |
11 | माघ: | माघ | जनवरी-फरवरी |
12 | फाल्गुन: | फाल्गुन | फरवरी-मार्च |
दिनो के नाम संस्कृत में Days Name in Sanskrit and Hindi
क्र सं | अंग्रेजी | हिंदी | संस्कृति |
1 | Monday | सोमवार | इन्दुवासरः |
2 | Tuesday | मंगलवार | भौमवासरः |
3 | Wednesday | बुधवार | सौम्यवासरः |
4 | Thursday | ब्रहस्पतिवार (गुरूवार) | गुरुवासरः |
5 | Friday | शुक्रवार | शुक्रवासरः |
6 | Saturday | शनिवार | शनिवासरः |
7 | Sunday | रविवार | भानुवासरः |
हिंदी कैलेंडर को बहुत काम लोग जानते है :-
हिंदी कैलेंडर के महीनों के नाम का जितना महत्व है, कहते है इसको जानने वालों की संख्या उतनी ही कम है. आज हम यहां आपको हिंदी कैलेंडर के महीनों के नाम बताएंगे और ये भी बताएंगे कि ये अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से कब आते हैं. दरअसल, अगर हम अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से आपको हिंदी कैलेंडर के महीनों के बारे में नहीं बताएंगे तो आपको इनका सही समय पता लगाने में काफी दिक्कतें होंगी.
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साल में 6 मौसम होते है:-
1. | बसंत ऋतू |
2. | ग्रीष्म ऋतू |
3. | वर्षा ऋतू |
4. | शरद ऋतू |
5. | हेमंत ऋतू |
6. | शिशिर/शीत ऋतू |
हिन्दू कैलेंडर के महीनों के नाम व उनका महत्व ( Hindu Months Name Mahatv In Hindi):-
1. चैत्र (मेष राशी) -Chaitra Month:-
ये हिन्दू कैलेंडर का पहला महिना होता है. इस महीने से ग्रीष्म ऋतू की आवट शुरू हो जाती है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मार्च-अप्रैल महीने में आता है. चैत्र महीने के 15 दिन पहले फाल्गुन में होली का त्यौहार मनाते है. चैत्र महीने के पहले दिन महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा का त्यौहार, तमिलनाडु में चैत्री विशु और कर्नाटका एवं आंध्रप्रदेश में उगडी का त्यौहार मनाया जाता है. उत्तरी भारत, मध्य भारत में चैत्र के पहले दिन से चैत्र नवरात्री की शुरुवात होती है, इसके नौवे दिन भगवान् राम का जन्मदिन ‘रामनवमी’ के रूप में मनाते है. चैत्र माह के आखिरी पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाते है.
बैसाख (वृषभ) –
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ये दूसरा महिना है, लेकिन नेपाली, पंजाबी एवं बंगाली कैलेंडर का ये पहला महिना होता है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अप्रैल-मई महीने में आता है. इस महीने का नाम बैसाख इसलिए पड़ा क्यूंकि इस समय सूर्य की स्तिथि विशाखा तारे के पास होती है. ‘
जयेष्ट (मिथुन राशि) :-
जयेष्ट का महीना अत्याधिक गर्मी वाला होता है। ये मई-जून के आस पास आता है. इसे तमिल में आणि माह कहते है. जगन्नाथ पूरी में स्नान यात्रा त्यौहार जयेष्ट पूर्णिमा के दिन मनाते है. इस दिन जगन्नाथ मंदिर से बालभद्र, सुभद्रा, जगन्नाथ को मंदिर से बाहर ले जाकर स्नान बेदी में स्नान कराया जाता है.
अषाढ़ ( कर्क राशी) :-
तमिल में इस महीने को आदि कहते है। ये महीना अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जून-जुलाई महीने में आता है. अषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा मनाते है। इसी महीने देव शयनी एकादशी भी आती है. तमिलनाडु में आदि अमावस्या का विशेष महत्व है।
श्रावण (सिंह) :-
सावन का महीना हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सबसे पवित्र माना जाता है। इस महीने से अनेकों त्यौहार शुरू हो जाते है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जुलाई-अगस्त महीने में आता है. ये पूरा महिना शिव जी को समर्पित है.
भाद्रपद (कन्या राशी) :-
भादों/भाद्रपद अगस्त-सितम्बर महीने में आता है। इस महीने की शुरुआत में ही हरितालिका तीज, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी आती है. अष्टमी के दिन राधा अष्टमी, चौदस के दिन अनंत चतुर्दशी मनाते है. इसके बाद 15 दिन पितृ पक्ष होते है, इस दौरान पितरों को तर्पण दिया जाता है।
अश्विन (तुला राशी):-
भाद्र पक्ष की अमावस्या के बाद ये दिन शुरू होता है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सितम्बर- अक्टूबर महीने में आता है. नवरात्री, दुर्गापूजा, कोजागिरी पूर्णिमा, विजयादशमी/दशहरा, दिवाली, धनतेरस, काली पूजा इसी महीने में आते है. इस महीने सबसे अधिक छुट्टियाँ पड़ती है।
कार्तिक (वृश्चिक) :-
कहते है गुजरात में दिवाली से नया साल शुरू होता है, वहां कार्तिक पहला महिना होता है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर-नवम्बर महीने में आता है। इस माह गोबर्धन पूजा, भाई दूज, कार्तिक पूर्णिमा मनाते है।
कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली मनाते है. इस माह एकादशी को देव उठनी एकादशी मनाते है. जिसे तुलसी विवाह भी कहते है. इस दिन के बाद से शुभ कार्यों की शुरुवात हो जाती है. इस महीने गुरु नानक जयंती भी आती है.
अगहन (धनु राशि) –
इस महीने वैकुण्ठ एकादशी जिसे मोक्ष एकादशी भी कहते है, बड़ी धूमधाम से मनाते है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नवम्बर – दिसम्बर महीने में आता है.
पौष (मकर राशि) :-
पौष का महिना दिसम्बर-जनवरी के समय आता है. यह ठण्ड का समय होता है, जिसमें अत्याधिक ठण्ड पड़ती है. इस महीने लौहड़ी, पोंगल एवं मकर संक्राति जैसे कई त्यौहार मनाये जाते है.
माघ (कुंभ राशि):-
सूर्य कुंभ राशी में इस महीने प्रवेश करता है। यह माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जनवरी-फरवरी महीने में आता है. इस महीने विद्या एवं काला की देवी सरस्वती जी की पूजा बसंत पंचमी के दिन की जाती है. इसके साथ ही महा शिवरात्रि, रथा सप्तमी त्यौहार भी मनाये जाते है. उत्तरी भारत में माघ मेला एक बड़ा उत्सव होता है.
फाल्गुन (मीन राशि) :-
बंगाल में ये 11 वां महिना होता है. बांग्लादेश में फाल्गुन महीने के पहले दिन पोहेला फाल्गुन मनाया जाता है. नेपाल में फाल्गुन के पहले दिन रंगों का त्यौहार होली को बड़ी धूमधाम से मनाते है, जिसे वहां फागु कहते है. भारत में भी फाल्गुन पूर्णिमा को होली मनाई जाती है. यह माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार फरवरी- मार्च महीने में आता है
पुरषोत्तम माह (अधिक मास) :-
ये हिन्दू माह का अतिरिक्त महिना होता है, जो 32 महीने, 16 दिन के बाद आता है. अधिक मास का हिन्दुओं में बहुत महत्व है.
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