कौन कहता है नदियों के दो किनारे कभी मिल नहीं सकते हैं।

कौन कहता है नदियों के दो किनारे कभी मिल नहीं सकते हैं।

कौन कहता है नदियों के दो किनारे कभी मिल नहीं सकते हैं।

(kaun kehta hai nadiyo ke do kinare)

कौन कहता है नदियों के दो किनारे कभी मिल नहीं सकते हैं।

जब यह दरिया वो में जाकर गिरते हैं तो खुद ही मिल जाते हैं।

उम्मीद रखो जीवन में असंभव कुछ भी नहीं है।

मिला नहीं मिला इस बात में उलझ कर रह जाना जीवन नहीं है।

अपनी चाहत को उस परम सच की चाहत से मिलाना है।

रिझाना आए ना आए पर उनको ही रिझाना है।

जब दे दिया उसने मुझ को बेहिसाब है।

तो बार-बार मांगना और उसको भुला देना यह कहां का इंसाफ है।

हमारी विरासत

अंधकार से प्रकाश की ओर का सफर 

  • Gautam

    Gautam

    मार्च 22, 2018

    Nice admin ji
    Ase bakya or banaty rhi h

  • Prerna

    Prerna

    सितम्बर 11, 2021

    Thank you for giving those thoughts which give me strength that I am right on my way …… Which I want to be get it or my beloved believe with my love

    • hamari virasat

      hamari virasat

      सितम्बर 13, 2021

      Thank you. stay Blessed

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