कौन कहता है नदियों के दो किनारे कभी मिल नहीं सकते हैं।
कौन कहता है नदियों के दो किनारे कभी मिल नहीं सकते हैं।
(kaun kehta hai nadiyo ke do kinare)
कौन कहता है नदियों के दो किनारे कभी मिल नहीं सकते हैं।
जब यह दरिया वो में जाकर गिरते हैं तो खुद ही मिल जाते हैं।
उम्मीद रखो जीवन में असंभव कुछ भी नहीं है।
मिला नहीं मिला इस बात में उलझ कर रह जाना जीवन नहीं है।
अपनी चाहत को उस परम सच की चाहत से मिलाना है।
रिझाना आए ना आए पर उनको ही रिझाना है।
जब दे दिया उसने मुझ को बेहिसाब है।
तो बार-बार मांगना और उसको भुला देना यह कहां का इंसाफ है।
Gautam
Nice admin ji
Ase bakya or banaty rhi h
Prerna
Thank you for giving those thoughts which give me strength that I am right on my way …… Which I want to be get it or my beloved believe with my love
hamari virasat
Thank you. stay Blessed