गोविंद देव मंदिर

गोविंद देव मंदिर

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Description

गोविंद देव मंदिर(Radhe-Govind ji Temple)

गोविंद देव का यह मंदिर जयपुर के राजा मान सिंह ने 1590 में बनवाया था। इस मंदिर में 7 फ्लोर थे और इसी फ्लोर पर एक बड़ा सा दीपक बनवाया गया था। यहां रोजाना 50 किलो देशी घी से दीपक जलाए जाते थे। लोगों का मानना है, मुगल शासक औरंगजेब की बुरी नजर इस मंदिर पर पड़ गई थी। उसने मंदिर के 4 फ्लोर गिरवा दिए थे। इसके बाद लंबे अर्से तक यहां कोई भी मूर्ति की स्थापित नहीं हो सकी। स्थानीय लोगों की माने तो यह मंदिर वृंदावन के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। govind ji temple

रोजाना 50 किलो देशी घी से जलाता था ये दीपक :-

  1. – दुकानदार पवन ने बताया, ”यहां के इतिहास के अनुसार इस मंदिर में रोजाना 50 किलो देशी घी से दिए जलाए जाते थे। इसकी लौ आगरा से दिखाई पड़ती थी।”
  2. ”एक बार मुगल शासक औरंगजेब की नजर इस पर पड़ गई तो उसने इसके बारे में पता किया।”
  3. ”औरंगजेब ने कहा कि जब इतनी बड़ी मस्जिद पूरे भारतवर्ष में नहीं है, तो इस मंदिर में कैसे रह सकती है। उसने उस मंदिर को तोड़ने का आदेश दे दिया।”
  4. ”इतिहास के मुताबिक रात में भगवान श्री कृष्णा ने सपने में मंदिर के पुजारी से कहा कि कल औरंगजेब यह मंदिर तोड़ने आएगा। इसके पहले ही तुम मेरे मूर्ति कहीं और स्थापित करा दो।
  5. ”इसके बाद वो मूर्ति राजस्थान के जयपुर जिले में दूसरी मंदिर में स्थापित करा दी गई, जो आज गोविंद वल्लभ मंदिर के नाम से मशहूर है।”

संतो ने बताईं ये बातें :-

– मंदिर में रहने वाले संत ने बताया, ”काफी समय तक यह मंदिर बंद पड़ा था, क्योंकि यहां मूर्तियां नहीं थी। इसके बाद यह कहा जाने लगा की इस मंदिर में भूत हैं, जो इसकी रखवाली करते हैं।”
– ”लेकिन ये सब बातें गलत हैं। मुगल शासन काल के बाद इस मंदिर में मूर्तियां स्थापित कराई गई हैं। उसी के बाद से पूजा-पाठ शुरू हो सका। अब यहां श्रद्धालुओं का ताता लगा रहता हैं।”

मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर तोड़ने पर निकले पत्थरों से बनवाई मस्जिद :-

– मथुरा में भगवान श्री कृष्ण के जन्म स्थान के पास ही बनवाई गई मस्जिद उसी पत्थर से बनी है, जो वृंदावन के इसा गोविंद देव के मंदिर को तोड़ने से निकले गए थे।
– मंदिर में मौजूद संत ने बताया, ”औरंगजेब ने मंदिर के चारों फ्लोर के टूटने के बाद जो पत्थर निकला था, उसी से वह मस्जिद बनवाई थी।”
– इनकेअनुसार उस मस्जिद के पत्थर और गोविंद देव मंदिर के पत्थर बिलकुल एक जैसे हैं।

गोविन्द देव जी की आरती का समय :-

मंगला आरती : 4:30AM to 5:45AM धुप आरती  :-  8:15AM to 9:30AM संध्याकाल आरती : 6:30PM to 7:45PM शयन आरती  : 8:15pm to 9:15PM