कृष्णागिरी(krishnagiri) दो शब्दों कृष्ण और गिरी से मिलकर बना है। कृष्ण का अर्थ काला होता है जबकि गिरी का मतलब पहाड़ होता है। इस प्रकार कृष्णागिरी का अर्थ काला पहाड़ होता है। यहां काले ग्रेनाइट चट्टानों का पहाड़ है। इसी कारण इसका नाम कृष्णागिरी पड़ा। इसके नाम के पीछे एक अन्य कहानी भी प्रचलित है। यह क्षेत्र एक समय विजयनगर के शासक कृष्णदेव राय के साम्राज्य का हिस्सा था। इसीलिए इस स्थान का नाम उनके नाम पर कृष्णागिरी पड़ा।
कृष्णागिरि एक पर्यटन स्थल के रूप में काफी लोकप्रिय है। यहां का सबसे प्रमुख पर्यटन आकर्षण केआरपी बांध है। इसके अलावा, कृष्णागिरि में कई ऐतिहासिक स्थल, मंदिर, पार्क, किले और प्राकृतिक स्थल है।
आमों के लिए प्रसिद्ध कृष्णागिरि(krishnagiri):-
अल्फांसो आमों के लिए प्रसिद्ध कृष्णागिरि(krishnagiri) तमिलनाडु का एक प्रमुख शहर है। यह कृष्णगिरि जिला में आता है। आम यहां का मुख्य फसल है। माना जाता है कि आम की सर्वप्रथम पैदावार यहीं हुई थी। कृष्णागिरी हसूर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह कई पर्वतों से घिरा हुआ है। कृष्णागिरी विशेष रूप से कृष्णागिरी बांध व सरकारी संग्रहालय के लिए प्रसिद्ध है।
यहां के किसान और आम उत्पादक, लोगों को आम की पैदावार देखने देते है और फोटोग्राफी भी करने देते है। यहां आम के पेड़ों के बीच प्रकृति के अद्भुत नजारे देखने को मिलते है। जो लोग फल खाने के शौकीन है वह गर्मियों के मौसम में यहां आम का स्वाद लेने जरूर आएं।
जहां प्रकृति की सुंदरता प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इस जगह पर आकर बहुत ही शांति मिलती है। यह हमारे देश की विरासत है। यह प्रकृति विरासत(heritage) हम सभी को मिली हैं जब कभी भी समय मिले कभी भी आप इधर से गुजरे तमिलनाडु की तरफ आए तो कृष्णागिरी आना ना भूलें। आपको बहुत ही अलग अनुभव होगा अगर आप पहले गए हैं तो जरूर अपना अनुभव शेयर करें लोगों को बताएं इस जगह के बारे में।
धन्यवाद