कालाराम मंदिर (Kalaram Temple)

कालाराम मंदिर (Kalaram Temple)

Average Reviews

Description

प्रभु राम की तपो भूमि का मान मिला इस नगरी को जिसे नासिक कहते है। नासिक में पंचवटी(panchavati) क्षेत्र में काला राम मंदिर है। और नासिक ही वह नगरी है जहा गोदा कहते है गंगा को। जो गोदावरी मैया तट पर स्तापित नासिक क्षेत्र है। भारतवर्ष के प्राचीन धार्मिक तथा सांस्कृतिक कार्य के लिए शहर प्रसिद्ध है। कालाराम मंदिर नासिक में पंचवटी नाम से प्रसिद्ध है और ये अत्यंत पवित्र स्थल है।  जहां नासिक के सर्वश्रेष्ठ मंदिर में काला राम मंदिर दर्शन मात्र से यात्रियों को दुगना आनंद प्राप्त होता है।  प्रभु श्री रामचंद्र ने अपने 14 वर्ष के वनवास में यहां कुछ वर्ष यहाँ निवास किया।  जहां पर उन की कुटिया होती थी वहीं पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है।  सतयुग में दंडकारन नाम से जाना जाता था।

क्यों पड़ा कालाराम नाम भगवान् श्री राम का ?:-

यहां पर कई राक्षसों ने कई ऋषि मुनियों लोगों को अपनी शक्तियों से भयभीत कर रखा था।  जब प्रभु श्री रामचंद्र वनवास के समय यहां आए तब उन्होंने ऋषि मुनियों के प्रार्थना को स्वीकार करके अपना काला रूप धारण किया और यहां के जीव सृष्टि को उन राक्षसों से मुक्ति दिलाई। इसी कारण यहां पर प्रभु श्री रामचंद्र को कालाराम के नाम से जाना जाता है।

जहां थी श्रीराम जी की कुटिया:-

कालाराम मंदिर जो पंचवटी(panchavati) के नाम से भी प्रसिद्द है।  यही वह जगह है जहां थी  श्रीराम जी  की कुटिया हुआ करती थी। राम लखन सीता देवी की परम छवि यहां बस्ती थी। और आज भी यहाँ दिव्य छवि उनकी बस्ती है। जिनकी नज़रो में भक्ति और दिल में भाव है उनके लिए ही आज भी खुला उस दिव्य कुटिया का द्वार है।

कब बनी ये मंदिर ?

साधुओं को अरुणा-वरुणा नदियों पर प्रभु की मूर्ति प्राप्त हुई थी।  और साधुओं ने इसे लकड़ी के मंदिर में विराजित किया था। तत्पश्चात 1780 में माधवराव पेशवा की मातोश्री गोपिकाबाई की सूचना पर इस मंदिर का निर्माण करवाया गया। उस काल के दौरान मंदिर निर्माण में 23 लाख का खर्च अनुमानित बताया जाता है।

वार्षिक कार्यक्रम और उत्सव:-

चैत्र श्री राम नवरात्र और रामनवमी के महीने में मणिन उत्सव हैं। एकादशी पर शहर के माध्यम से ग्रैंड जुलूस, चैत्र के 11 वें दिन वर्ष की मुख्य और महत्वपूर्ण उत्सव हैं। यह रथ यात्रा मुख्य उत्सव है और इसे  रामनवमी महोत्सव भी कहते है। अश्विन के 0 वें दिन “दशहरा” को भगवान राम  को  एक सिल्वर  की पालकी में बिठाया जाता है जो की एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।  और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

रोज की पूजा , आरती, मंदिर खुलने का समय(Kalaram temple timing) :-

  • 5:30 am to 6:30 Kakad Aarti
  • 7:00am to 8:00am Sanai Vadan & Bhupali
  • 8:00am to 10:00am Mangal Aarti of Lord Rama
  • 10:30am to 1:00 pm Mahanyas Pooja of Lord Rama & Maha Aarti
  • 3:00pm to 5:00 pm Vividh Bhajani Mandal Performs Bhajans
  • 7:00pm to 8:00 pm Shej Aarti of Lord Rama
  • 8:00pm to 10:00 pm Kirtan
-> जाने एक ऐसा गुफा जो माँ सीता के बनवास काल से जुड़ा है CLICK HERE आपको ये जानकारी ये जरूर बताये और बाकि लोगो तक पहुचाये। और comment जरूर करे।