मथुरा श्री कृष्णा जी की जन्म भूमि है। जहा श्री कृष्णा जी का जन्म हुआ और ये एक तीर्थ स्थान है। मथुरा वृंदावन(mathura) का हर एक कण कण खास है जहाँ श्री कृष्णा जी की हर एक छवियों का स्वरुप आपको देखने क लिए मिलेगा। पर्यटक का भी ये आकर्षण का केंद्र है. मथुरा भगवान श्री कृष्ण का निवासस्थान है और हिन्दू समाज में इसका बड़ा धार्मिक महत्त्व रखता है। यहाँ का इतिहास बहुत ही पुराना है। यहाँ तक कि महाग्रंथ रामायण में भी मथुरा का उल्लेख मिलता है।
मथुरा क्यों है इतना खास है ?:-
मथुरा वृंदावन खास कैसे न हो जंहा खुद श्री कृष्णा जी का जन्म हुआ था। इस पूरे क्षेत्र में भव्य मंदिर निर्मित हैं जो श्री कृष्ण के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। मथुरा और वृंदावन के जुड़वा शहर, जहां श्री कृष्ण का जन्म और लालन पालन हुआ, आज भी उनकी लीला और उनकी जादुई बांसुरी की ध्वनि से गुंजित रहते हैं।
इन जुड़वां शहरों से जुड़ी हैं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं, सांस्कृतिक परंपराएं। यहां की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में भी ईश्वरीय उपस्थिति का एहसास होता है।
थुरा संग्रहालय में सुरक्षित रखा ऐतिहासिक खजाना प्राचीन आलीशान दौर को देखने का मौका देता है।
चरकुला नृत्य, रासलीला और लोक गीत-संगीत प्रेम और समर्पण का अद्भुत ताना-बाना बुनता है।
मथुरा यमुना नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। ये नज़ारा बहुत ही प्यारा है यमुना तट के किनारे मथुरा जी का दर्शन।
मथुरा की होली विश्व भर में प्रसिद्ध है
आगरा से 56 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मथुरा और उससे थोड़ी ही दूर स्थित वृंदावन, पौराणिक ब्रज भूमि के जुड़वां शहर हैं।
मथुरा में प्रसिद्ध स्थान :
मथुरा में बहुत से प्रसिद्ध जगह है जो की ऐतिहासिक जगहों में से एक है यहां प्रमुख मंदिर है जो किस श्री कृष्णा जी के जीवन कल से ही अपने अंदर कई सारे रहस्य को समेटा बैठा है।
मथुरा की भाषा ब्रज भाषा है। जो की बहुत ही मीठी भाषा है ब्रज भाषा ही श्री कृष्णा जी बोलते थे। वृन्दावन में भी ब्रज भाषा बोली जाती है। मीठी से नोक झोक ब्रज भाषा में बहुत ही प्यारी लगती है। गोपियों का बर्तालाप कन्हैया से बहुत ही अद्भुत है जो श्रीमद भगवत जी में देखने को मिलता है।
जब भी इस तरफ तरह आये तो मथुरा आना न भूले। श्री कृष्णा जी की अनुभूतियों का स्थल है श्री मथुरा जी।