भारत की नदियाँ((Bharat ki Nadiya) भारत की मान-जान-शान
भारत देश की प्राचीन सभ्यताओं का एक महत्वपूर्ण अंग भारत की नदियाँ है। जो भारत की शान है। भारत देश के लगभग सभी धार्मिक स्थलो को जो जीवन देने वाली है वो भारत की नदियाँ(bharat ki nadiya) है। इन नदियाँ का अपना विशेष ही स्थान है। और ये केबल नदियाँ ही नहीं ये पूजनीय है। नदियों के देश कहे जाने वाले भारत में जहा आज भी नदियों की पूजा की जाती है और ये हम सभी को विरासत में मिली है।
यु तो भारत में कई नदियाँ है लेकिन हम उन नदियों के बारे में जानते है जो अपने आप में अहम भूमिका रखती है। भारत की 35 प्रमुख नदी एवं सहायक नदियाँ हैै जिनका नाम कुछ इस तरह है। आयी उनके बारे में जानते है और ये जानकारी युवा पीढ़ियों तक जरूर पहुचाये। जिससे की वो भी जान सके वो जिस देश में रहता है उनकी संस्कृति कितनी पुराणी और ऐतिहासिक है जो अपने अंदर कई रहस्य को छिपाये बैठी है।
वेदों के समय से, कवियों ने इन नदियों के बारे में लिखा है, आज तक उन्हें अक्सर व्यावसायिक फिल्मों में रूपकों के रूप में इस्तेमाल किया गया है। भारत की नदियाँ (bharat ki nadiya), सब से ऊपर, एक और सभी के लिए एक प्रेरणा हैं। फिर भी, हम उनके बारे में बहुत कम जानते हैं।
पंचतत्व में से एक है नदी (जल ):-
हम सभी इस बात को जानते हैं कि हमारा शरीर पंचतत्व से मिलकर बना है, लेकिन फिर भी जिससे हम बने हैं हम उसकी ही कद्र नहीं करते हमारे जीवन में उन चीजों का ही कोई महत्व नहीं है। आज हम स्वार्थ में इतनी डूब चुके हैं। जब हम भूल जाते हैं कि जीना कैसे है, जब हम अपनी ज़िंदगी को बनाने वाले तत्वों का सम्मान नहीं करते – जिस धरती पर हम चलते हैं, जिस हवा में साँस लेते हैं, जो पानी हम पीते हैं और जो आकाश हमें अपनी जगह पर बनाए रखता है – जब उनके प्रति हमारे अन्दर कोई सम्मान नहीं होता, तो वे हमारे भीतर बहुत अलग तरीके से व्यवहार करते हैं।
नदियों का महत्व(Importance of the River):-
चाहे वे शिव हों, राम हों या कृष्ण हों वे समान्य लोगों से कहीं ज्यादा मुश्किलों और चुनौतियों से गुज़रे। हम उनकी पूजा इसलिए करते हैं, क्योंकि उनके सामने जिस भी तरह की परिस्थितियाँ आईं, और जीवन ने उनके आगे जिस भी तरह की चुनौतियां पेश कीं, उनका भीतरी स्वभाव कभी नहीं बदला।
हम उनकी पूजा करते हैं क्योंकि वे इन सभी चीज़ों से अछूते रहे। कई मायनों में एक नदी इसी को दर्शाती है – इससे फर्क नहीं पड़ता कि नदी को किस तरह के लोग छूते हैं, वो हमेशा पवित्र रहती है, क्योंकि प्रवाह ही उसकी प्रकृति है। और ये हमारे जीवन का अनमोल अंग है। नदियां हमारी सदैव मित्र रही है और हमे उनसे अनेक महत्वपूर्ण लाभ होते है । हमारा कर्तव्य है कि उनका अति दोहन न करे एवं उन्हे प्रदूषित होने से बचाये। नदियों का महत्व हम सभी से छुपा नहीं चाहे बिजली हो या प्यास से छुटकारा या आम जीवन के दैनिक काम ही क्यों न हो।
आदर देने की संस्कृति:-
पांच तत्वों को आदर देने की संस्कृति को वापस लाने का अब समय आ गया है। यह नदियां हमें बहुत ही शांति प्रदान करती हैं कभी जब हम विचारों में उलझ जाते हैं या हमें कहीं भी शांति नहीं मिलती। अगर हम सिर्फ 5 मिनट भी इन नदियों के सामने बैठे इन बहते हुए जल प्रभाव को देखें तो हमारे मन को एक नई दिशा मिलती है एक नई सोच मिलती है जिसे हम अपने जीवन के आगे बढ़ा सकते हैं।
यह अलग बात है आज हम उस नजरों से चीजों को नहीं देख रहे वरना आज भी इनमे उतनी ही शक्ति है जो आपको ऊर्जा से भर देगी। अपने आप को जानने के लिए हमारा मन शांत होना चाहिए और इस शांति को महसूस आप किसी भी नदी, समुद्र किनारे जाकर महसूस कर सकते हैं क्योंकि यह सभी हमारे लिए पूजनीय है और यह हमें एक नई दिशा जरूर प्रदान करती है
भारत की नदियाँ(Bharat ki nadiya) – कैसे बचाएं इन्हें लुप्त होने से?
पेड़ लगाना एक व्यापक समाधान है क्योंकि पेड़ है जिसकी वजह से हम लुप्त होती हुई नदियों को फिर से बचा सकते हैं हम अपनी नदियों के साथ क्या कर रहे हैं और क्या करना चाहिए सिर्फ लोगों को कुछ करने के लिए प्रेरित करना काफी नहीं है उन्हें बताना होगा। इसके बारे में वक्त रहते उन्हें इनकी जरूरत को समझना होगा और ज्यादा से ज्यादा पेड़ को लगाने के लिए अग्रसर होना पड़ेगा अगर अब कदम ना उठाए गए तो देर हो जाएगी। आज बहुत सारे लोग पूरी तरह निराश हो गए हैं कि वह चाहे जो भी कर ले कुछ नहीं बदलने वाला।
हमारी पीढ़ी जो युवा पीढ़ी है उन्हें इसकी जिम्मेदारियों को समझना होगा अगर हर इंसान एक एक पेड़ लगाएं तो भी बात कुछ बन सकती है।