बसंत पंचमी के दिन ऐसे करेंगे पूजन तो होगा लाभ
बसंत पंचमी(basant panchami) 2018: इस दिन बन रहा बेहद शुभ संयोग माघ माहीने की शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है 21 जनवरी को सुबह 3.30 बजे से पंचमी तिथि शुरु हो जाएगी जो कि 22 जनवरी को शाम 4:24 मिनट तक रहेगी। वहीं 12 बजकर17 मिनट से लेकर एक बजे तक अभिजित मुहूर्त्त रहेगा। इस समय हवन पूजन शुभ होता है। जबकि 07:11 बजे से 8:06 बजे के बीच विद्यार्थियों के लिए बेहद शुभ है। इस समय पूजा करने के बाद पढ़ाई करेंगे तो हमेशा मां सरस्वती की कृपा बनी रहेगी। साथ ही कला संगीत प्रेमियों के लिए 12:39 मिनट से 01:00 बजे बीच पूजा करेंगे तो शुभ होगा। बसंत पंचमी पूजा का मुहूर्त सुबह 07:11 बजे से 8:06 बजे तक दोपहर 12:39 बजे से 01:00 बजे तकमाँ अपनी है एक बार मना कर तो देखो मान जाएँगी और आशीर्वाद देकर अज्ञानता को हमेशा के लिए दूर कर जाएँगी
इस दिन क्यों की जाती है सरस्वती माता की पूजा, जानें
बसंत पंचमी(basant panchami) के दिन मां सरस्वती की पूजा विधि विधान से की जाती है, मां सरस्वती, ज्ञान-विज्ञान, कला, संगीत और शिल्प की देवी हैं अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए और जीवन में नया उत्साह प्राप्त करने के लिए, बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की उपासना पूरे देश में की जाती है, स्कूलों में सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है. मां सरस्वती देवी ने जीवों को वाणी के साथ-साथ विद्या और बुद्धि भी दी। इसलिए बसंत पंचमी के दिन हर घर में सरस्वती की पूजा भी की जाती है। बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती पृथ्वी पर प्रगट हुई थीं। माता सरस्वती ने पृथ्वी पर उदासी को खत्म कर सभी जीव-जंतुओं को वाणी दी थी। इसलिए माता सरस्वती को ज्ञान-विज्ञान, संगीत, कला और बुद्धि की देवी भी माना जाता है। उन्हीं के जन्म पर वसंत पचंमी का त्योहार मनाया जाता है और सरस्वती देवी की पूजा की जाती है। माँ सरस्वती का जन्ममां सरस्वती की पूजा विधि
सुबह स्नान करके पीले या सफेद वस्त्र धारण करें, मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें, मां सरस्वती को सफेद चंदन, पीले और सफेद फूल अर्पित करें. मां सरस्वती का ध्यान करें. वंदना करें. “ऊं ऐं सरस्वत्यै नम:” मंत्र का 108 बार जाप करें. मां सरस्वती की आरती करें, मिसरी, दूध, दही, तुलसी, शहद मिलाकर पंचामृत का प्रसाद बनाकर मां को भोग लगाएं. हलवा या केसर युक्त खीर का प्रसाद अर्पित करें. बेर,गाजर,संतरा और मालपुआ बना कर अर्पण कर सकते है सभी को प्रसाद बांटें. इस दिन किसी भी कार्य को करना बहुत शुभ फलदायक होता है। इसलिए इस दिन गृह प्रवेश, वाहन खरीदना,नींव पूजन, नया व्यापार प्रारंभ और मांगलिक कार्य होते हैं। इस दिन लोग पीले वस्त्र धारण करते और साथ ही पीले रंग के पकवान बनाते हैं।बुध ग्रह कमजोर हो या पढ़ाई में मन ना लगे
ज्योतिष के अनुसार जिनकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो या अस्त हो या बच्चे का पढ़ाई में मन ना लगे तो बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन करना चाहिए और मां सरस्वती को हरे फल आर्पित करकेदिव्य मन्त्र (chant 11 or 31 times)
||ॐ सरस्वती महामाया दिव्य तेजस्वरूपणी
हंसवाहिनी समयुक्ता विद्या दानं करोतु मे ॐ ||
आप सभी की सरस्वती पूजा बहुत ही पावन और शुभ मंगलकारी हो। आप सभी को ये जानकारी कैसी लगी ये जरूर बताये हमें।
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