पौष पूर्णिमा व शाकंभारी पूर्णिमा 2023-paush purnima kab hai
पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 06 जनवरी दिन शुक्रवार को 02 बजकर 14 एएम से शुरू हो रही है. यह तिथि अगले दिन 07 जनवरी शनिवार को प्रात: 04 बजकर 37 मिनट तक मान्य रहेगी. ऐसे में उदयातिथि और चंद्रमा की पूर्णिमा की रात का ध्यान करते हुए पौष पूर्णिमा 06 जनवरी 2023 को है. इस दिन व्रत, स्नान, दान और पूजा पाठ किया जाएगा. Paush mahina 2023 in Hindi, paush mahina 2023. paush purnima kab hai सर्व सिद्ध योग में पौष पूर्णिमा पर करोड़ों श्रद्धालु लगाएंगे आस्था की डुबकी
तीर्थराज प्रयाग (Tirthraj Prayag) में गंगा, यमुना एवं अद्दश्य सरस्वती के संगम (Sangam) पर हर साल लगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माघ मेला (Magh Mela) पौष पूर्णिमा (Paush Purnima 2023) के स्नान पर्व के साथ छह जनवरी से शुरू हो रहा है। करीब डेढ़ माह तक चलने वाले मेले के दौरान देश दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु (faithful) सर्व सिद्ध योग में आस्था की डुबकी लगायेंगे।
माघ मेला मेले के दौरान पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, माघ पूर्णिमा के साथ 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व तक कुल पांच स्नान पर्व होंगे।
पौष माह की पूर्णिमा हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन होता है। पौष माह की पूर्णिमा से माघ मास का पवित्र स्नान का शुभारम्भ होता है। पौष माह की पूर्णिमा को शाकम्भरी पूर्णिमा भी कहा जाता हैं। उत्तर भारत में यह दिन शुभ माना जाता है। इस दिन हजारों लोग गंगा व यमुना नदी में पवित्र स्नान करते है।
पौष पूर्णिमा 2023 चंद्रोदय समय
06 जनवरी को पौष पूर्णिमा की शाम चंद्रमा का उदय ठीक 05 बजे होगा. पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा की चांद के अस्त होने का समय प्राप्त नहीं है.
सर्वार्थ सिद्धि योग में है पौष पूर्णिमा
साल 2023 की पहली पूर्णिमा यानि पौष पूर्णिमा सवार्थ सिद्धि योग में है. इस योग में आप जो भी शुभ कार्य करेंगे, वह पूर्ण और सफल होगा. उसकी सिद्धि होगी. इस तिथि में सर्वार्थ सिद्धि योग 07 जनवरी को 12 बजकर 14 एएम से सुबह 07 बजकर 15 मिनट तक है. इसके अलावा पौष पूर्णिमा के दिन सुबह 08 बजकर 11 मिनट तक ब्रह्म योग बना हुआ है और उसके बाद से इंद्र योग रहेगा.
पौष माह की पूर्णिमा के दिन हरिद्धार व प्रयागराज में हजारों लोग गंगा नदी में पवित्र स्नान करने आते है। सर्दी होने के बावजूद लोगों मां गंगा के पवित्र जल में स्नान करते है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पापों से छुटकार मिल जाता है और यहां तक कि ‘मोक्ष’ की प्राप्ति होती है। हरिद्धार व प्रयागराज के अलवों अन्य प्रमुख तीर्थ स्थान जैसे नासिक, उज्जैन और वाराणसी हैं।
पूजा
पौष पूर्णिमा के दिन भगवान ’सत्यनारायण’ व्रत भी रखा जाता हैं और पूरी भक्ति के साथ भगवान विष्णु की पूजा की जाती हैं। पूरे दिन उपवास करने के बाद ’सत्यनारायण’ कथा का पाठ करना चाहिए। भगवान को अर्पित करने के लिए विशेष प्रसाद तैयार किया जाता है। अंत में एक ’आरती’ की जाती है जिसके बाद प्रसाद को सभी में वितरित किया जाता है। पौष पूर्णिमा के दिन, पूरे भारत में भगवान कृष्ण के मंदिरों में विशेष ’पुष्यभिषेक यात्रा’ मनाई जाती है। इस दिन रामायण और भगवद् गीता पर व्याख्यान भी आयोजित किए जाते हैं।
पूजा का फल
पौष पूर्णिमा के दिन दान करना भी बहुत शुभ होता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान आसानी से फल देता है। ’अन्ना दान’ के तहत जरूरतमंदों को मंदिरों और आश्रमों में मुफ्त भोजन परोसा जाता है।
इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पापों से छुटकार मिल जाता है और यहां तक कि ‘मोक्ष’ की प्राप्ति होती है।
पौष पूर्णिमा के दौरान शाकंभरी जयंती भी मनाई जाती है। इस्कॉन और वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी इस दिन पुष्यभिषेक यात्रा शुरू करते हैं। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में रहने वाली जनजातियां पौष पूर्णिमा के दिन चरता पर्व (छिरता पर्व) मनाते हैं।
पौष पूर्णिमा पर भद्रा
06 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन भद्रा का साया है. पौष पूर्णिमा की सुबह 07 बजकर 15 मिनट से भद्रा लग रही है, जो दोपहर 03 बजकर 24 मिनट तक रहेगी. भद्रा में कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं.
पौष पूर्णिमा की रात चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि, धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है. चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली में व्याप्त चंद्र दोष दूर होता है.
1. गरीबों को दान करें: पौष पूर्णिमा का दिन दान के लिए बहुत खास माना जाता है. ऐसे में गरीबों को दान देना चाहिए. खासकर उन्हें चावल का दान जरूर दें. इससे आपको ज्यादा फल मिलेगा और भूखों को खाना खिलाना वैसे भी बहुत पुण्य का काम माना गया है.
2. भगवान विष्णु पर चढ़ाएं तुलसी के पत्ते: पौराणिक मान्यता के अनुसार पौष पूर्णिमा के दिन तुलसी का पत्ता भगवान विष्णु पर जरूर अर्पित करें. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन आप जो भी भोग लगाते हैं उसमें तुलसी का पत्ता रखना शुभ होता है.
3. आम के पत्ते का तोरण: अपने घर में आम के पत्ते का तोरण बनाकर लगाएं. यह बहुत ही पवित्र माना जाता है. आम के पत्ते घर में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं और इन्हें मुख्य द्वार पर लगाया जाता है.
4. दरवाजे पर जलाएं दीपक: इस दिन तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाकर दीपक जलाएं. इसके अलावा घर के मुख्य द्वार पर भी दीपक जलाना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन लाल कपड़े में कौड़ी, गोमती चक्र, काली हल्दी और एक सिक्का लपेटकर तिजोरी में रख देना चाहिए.
5.पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं: मां लक्ष्मी का वास पीपल के वृक्ष पर होता है. इसलिए इस दिन पीपल के पेड़ पर जल जरूर चढ़ाएं. अगर दूध में शक्कर मिला देते हैं तो उनकी बहुत सी विपत्तियां कम होती हैं.
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