श्री चिन्मयानंद बापू जी (Shri Chinmayanand Bapu Ji) एक प्रमुख कथा वाचक और अद्भुत स्वर गामी है। इन्होने सिर्फ 14 वर्ष की आयु में प्रथम बार श्री राम कथा का वाचन बूंदी राजस्थान में किया। जोकि अब कथा की धारा विश्वभर में व्याप्त होते हुए लगभग 700 से अधिक हो चुकी है। वह बचपन से ही महाभारत, श्रीमद् भागवत और राम चरित्र मानस का चिंतन करते थे। उनके पास प्राचीन ग्रंथो, महाकाव्य और दर्शन के उत्कृष्ट ज्ञान की गहरी समझ है।
राम नाम पुकार कर तो देखो , एक बार सिर्फ एक बार प्रेम से मेरे राम को अपना कह के तो देखो।