Sharad Purnima kojagiri Purnima Quotes in Hindi
शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहा जाता है क्योंकि भगवान कृष्ण ने इसी दिन गोपियों के साथ रासलीला की थी। इस दिन भगवान कृष्ण ने एक-एक गोपी के लिए कृष्ण बनाए और सभी के साथ पूरी रात नृत्य किया, जिसे महारास के नाम से जाना जाता है। भगवान कृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात को ब्रह्मा की रात जितना लंबा कर दिया था। पुराणों में बताया गया है कि ब्रह्मा की रात मनुष्यों की करोड़ों रात के बराबर होती है।
- कामदेव के घमंड को तोड़ने के लिए भगवान कृष्ण ने वृंदावन के जंगलों में महारास की। सबसे पहले कृष्ण ने बांसुरी से सभी गोपियों को बुलाया। सभी गोपियां आ भी गईं लेकिन वे सभी वासना रहित थीं। उनके मन सिर्फ कृष्ण को पाने की इच्छा थी। भगवान कृष्ण ने हजारों रूप रखकर सभी गोपियों के साथ नृत्य किया लेकिन एक क्षण के लिए भी मन में वासना का प्रवेश नहीं किया।
हिंदी पंचांग के अनुसार वर्ष भर में बारह पूर्णिमा की तिथियां आती हैं। इनमें से अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा या कोजागिरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कोजागिरी का शाब्दिक अर्थ है कौन जाग रहा है? इस पूर्णिमा पर रात्रि जागरण का विशेष महत्व है इसलिए इसे जागृत पूर्णिमा भी कहते है।
मान्यता है कि इस पूर्णिमा पर रात्रि काल में मां लक्ष्मी भ्रमण पर निकलती हैं। जिस घर में इस रात्रि मां लक्ष्मी का पूजन और जागरण होता है, उस घर में वो प्रवेश करती हैं। मां लक्ष्मी के प्रवेश से दरिद्रता का नाश होता है तथा सुख और संपन्नता का आगमन।
शरद पूर्णिमा का चांद सबसे सुन्दर होता है
और सबसे ज्यादा आशीर्वाद देता है
आशा है इस रात आप सभी पर
चन्द्रमा का भरपूर आशीर्वाद बरसे
संग गोपिया राधा चली कृष्ण के द्वार
कान्हा के सांवले रंग की बिखरे छटा अपार
पूर्णिमा के उज्ज्वल प्रकाश मिली वो कृष्ण से
रासलीला आज होगी और नाचेगा सारा संसार
Happy Sharad Purnima 2022
शरद पूर्णिमा की रात लेकर आती है अपने साथ अमृत वर्षा
जो भर देती है हमारे जीवन को सुख और समृद्धि से
आशा है ये त्योहार आपके जीवन में नयी उमंग लेकर आये
Happy Sharad Purnima 2022
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