पुरुषोतम मास माहात्म्य/अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 20
सूतजी बोले
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हे विप्रो! नारायण के मुख से राजा दृढ़धन्वा के पूर्वजन्म का वृत्तान्त
सूतजी बोले
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हे विप्रो! नारायण के मुख से राजा दृढ़धन्वा के पूर्वजन्म का वृत्तान्त
Adhik mas chapter-18 नारद जी बोले – हे तपोनिधे! उसके बाद साक्षात् भगवान् बाल्मीकि मुनि ने
Adhik mas chapter-17 नारदजी बोल:- हे कृपा के सिन्धु! उसके बाद जागृत अवस्था को प्राप्त उस राजा
Adhik mas chapter-15
श्रीनारायण बोले
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सुदेवशर्म्मा ब्राह्मण हाथ जोड़कर गद्गद
Adhik mas chapter-14
श्रीनारायणजी बोले
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इसके बाद चिन्ता से आतुर राजा दृढ़धन्वा के
Adhik Mas chapter- 13 ऋषि लोग बोले:- हे सूत! हे महाभाग! हे सूत! हे बोलने वालों में श्रेष्ठ!
Adhik mas chapter-12 नारदजी बोले:- जब भगवान् शंकर चले गये तब हे प्रभो! उस बाला ने शोककर क्या
Adhik mas chapter-11 नारदजी बोले:- सब मुनियों को भी जो दुष्कर कर्म है ऐसा बड़ा भारी तप जो इस
नारद जी बोले:- 'हे तपोनिधे! परम क्रोधीदुर्वासा मुनि ने विचार करके उस कन्या से क्या उपदेश दिया। सो
adhik mas chapter-09 सूतजी बोले:- तदनन्तर विस्मय से युक्त नारद मुनि ने मेधावी ऋषि की कन्या का