प्रकाश जो सबके लिए बराबर होता है।
प्रकाश जो सबके लिए बराबर होता है।
by hamari virasat
उसकी रोशनी में कोई भी अपना स्वरुप देख सकता है।
प्रकाश जो सबके लिए बराबर होता है। उस सूर्य की रोशनी सबके लिए बराबर होती है। फिर भी कोई उस रोशनी में देख सकता है तो कोई नहीं। लेकिन अंतर्मन में जब प्रकाश होता है। वो चाहे ज्ञान का हो या वैराग्य का हो उसकी रोशनी उस इंसान को तो रोशन करती है साथ ही उस इंसान के कहे हर शब्द सुनने वाले के लिए शब्द रुपी प्रकाश का काम करती है। और इस रोशनी में कोई भी अपना स्वरुप देख सकता है।
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