आखिर “कहाँ तक” विश्वास और कैसे ?
कहाँ तक विश्वास(faith) इस बात को कोई कैसे समझा सकता है..ये शब्दों का विषय नहीं ये इंसान की अनुभूति है जिसे सिर्फ इंसान महसूस कर सकता है रखने के बाद दिल में कभी भी कोई खरास ना हो मैंने ये न किया होता तो अच्छा होता ये मन से निकल दो उसी का नाम है विश्वास जो कदम उठ गया तो उठ गया आपका भरोसा ही आपका भगवान है।
कहते श्वास टूटता है पर सच्चा विश्वास कभी नहीं टूटता।
विश्वास क्या है?(what is faith):-
जहां शक अपना कदम न रख सके जहां किसी सबूत की जरूरत न पड़े। जंहा कोई डर ना हो जंहा कोई बंधन न हो फिर भी वो दृढ़ रहे वो सिर्फ और सिर्फ सच्चा विश्वास होता है। सही रूप में विश्वास उसी को कहते है। विश्वास कोई फूल की तरह नहीं जो आज खिले कल मुरझा जाये विश्वास तो उस खुशबू की तरह है जिसका कोई मालिक नहीं होता कोई उसे कैद नहीं कर सकता सच्चे विश्वास को जितना तोड़ने की कोशिश की जाये वो उतना ही दृढ होता जाये।
विश्वास हमें क्यों होना चाहिए?
आज बहुत-से लोग विश्वास के बारे में नहीं समझते क्योंकि उन्हें लगता है कि विश्वास का मतलब है किसी बात को यूँ ही सच मान लेना, फिर चाहे उसका कोई सबूत न भी हो। मगर विश्वास का यह मतलब नहीं है कि आँख मूँदकर किसी बात पर यकीन कर लेना, क्योंकि ऐसा करना खतरनाक होता है। न ही विश्वास बस मन में उठनेवाली कोई भावना है, क्योंकि यह आसानी से मिट भी सकती है। अगर सच्चा विश्वास न हो तो
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जीवन में आप किसी इंसान पे विश्वास कर सके या न करे पर अगर आप भगवान पे सच्चा विश्वास करंगे तो याद रहे वो कभी उस विश्वास को टूटने नहीं देते।
सच्चा विश्वास ?(what is true faith):-
सच्चा विश्वास बिलकुल अलग है। विश्वास में ऐसी दो बातें शामिल हैं जिन्हें हम अपनी आँखों से नहीं देख सकते। एक, वे असलियतें जो “दिखायी नहीं देतीं,” यानी वह सब जो सच में है। जैसे भगवान दूसरी, विश्वास का मतलब है “आशा की हुई बातों” पर ध्यान देना, यानी उन घटनाओं पर जो अभी तक नहीं घटी हैं। सच्चा विश्वास ठोस सबूतों पर आधारित होता है। जब उसने कहा कि विश्वास का मतलब “पूरे भरोसे के साथ इंतज़ार करना है” उसी तरह अगर हममें सच्चा विश्वास है तो यह ऐसा है मानो हम जिन बातों पर विश्वास करते हैं उन्हें हम देख चुके हैं।
सच्चे विश्वास का मतलब पक्का भरोसा और यकीन है।हमें विश्वास को भी मज़बूत बनाए रखने की ज़रूरत है।
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हमें विश्वास की सख्त ज़रूरत क्यों है?(why faith is very needed for us):-
भगवान पर विश्वास करने वाला :- विश्वास एक जीवन के लिए बहुत बड़ी परीक्षा होती है और एक पहचान है जिसके पास विश्वास है वह हर मुसीबत से पार हो सकता है आज विश्वास इंसान के बीच में एक रिश्ता बनाता है एक भरोसा पैदा करता है एक आशा को पैदा करता है जो जीवन जीने में लाभदायक है और विश्वास के बिना इंसान का जीवन अधूरा है वह हर वस्तुओं पर विश्वास करता है हर लोगों पर विश्वास करता है हर रिश्तेदारों पर विश्वास करता है लेकिन इन सब पर विश्वास करने से हमें कुछ नहीं मिलता है। फिर भी जो विश्वास के पात्र है उसपे विश्वास करे।
लेकिन एक अदृश्य शक्ति भी है जो भक्तो और संतो के लिए दृश्य है। जिसे हम सभी ईश्वर कहते है। जिस पर हम विश्वास करें तो हमारा जीवन सफल होता है और हम एक अध्यात्म जीवन मिलता है। जंहा आप दुनिया के सरे काम करते हुए भी भगवान को नहीं भूलेंगे। भगवान पर विश्वास करना बहुत गर्व की बात है और विश्वास हमारे जीवन को पवित्र और मजबूत करता है।
अंत में एक बात जो बहुत जरुरी है वो बताना है। विश्वास की शक्ति को पहचानिये खुद पे किया गया विश्वास ही हमारे अंदर बैठे खुदा को जगा देता है। याद रखे अगर वो जाग गए तो इस दुनिया में कुछ भी नमुमकिन नहीं है।
आजकल हमारे आस पास विश्वास की बहुत ज्यादा कमी होती जा रही है। एक दूसरे को देखना बंद कीजिये आप खुद ही ऐसे बन जाये की लोग आपकी मिशाल दे।
सच्चा विश्वास करके देखो उस ईश्वर पर
बंद हो जायेंगे वो सारे रास्ते जिन रास्तो से शक का आना जाना था
इतना विश्वास करो की सब कहने पे मजबूर हो जाये उसके विश्वास को तोड़ पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था।
virasat_admin
कहते श्वास टूटता है पर सच्चा विश्वास कभी नहीं टूटता।
virasat_admin
विश्वास की शक्ति को पहचानिये खुद पे किया गया विश्वास ही हमारे अंदर बैठे खुदा को जगा देता है। याद रखे अगर वो जाग गए तो इस दुनिया में कुछ भी नमुमकिन नहीं है।
Surendra sharma
Bakai bahut sachhi or aachchi post, sr
hamari virasat
apka bahot bahot dhanywad….