श्रीमद् भागवत महापुराण और भगवद्गीता के बीच क्या अंतर है?
श्रीमद् भागवत(shrimad Bhagwat) या भागवत महापुराण:-
नारद जी की प्रेरणा से वेद व्यास जी ने श्रीमद् भागवत(shrimad Bhagwat) ग्रन्थ लिखा। श्रीमद् भागवत(shrimad Bhagwat) या भागवत महापुराण 18 विभिन्न पुराणों में से 5 वें प्रमुख पुराण हैं। इसमें 12 अलग-अलग स्कन्द ,335 अध्याय और लगभग 18,000 श्लोक शामिल हैं। अन्य पुराणों के समान, श्रीमद् भागवत ऋषि वेद व्यास द्वारा लिखे गए हैं। ऋषि शुकदेव जी, जो वेद व्यास के बेटे थे उन्होंने श्रीमद् भागवत को राजा परीक्षित को सुनाया था। राजा परीक्षित वो जिनको ऋषि श्रुंगी द्वारा 7 दिनों में तक्षक साँप द्वारा मारे जाने के लिए शाप दिया गया था। difference between bhagwat geeta and shrimad bhagwat geeta
श्रीमद् भागवत (10 वीं स्कंद) में:-
हमें श्री कृष्ण के बचपन के बारे बहुत कुछ जानने को मिलता है उनकी सम्पूर्ण बाल लीला बहुत ही अद्भुत है। कैसे उनका जन्म हुआ कैसे वो ग्वाल बाल के साथ खेले ,मक्खन चोरी लीला , गोपी के संग रस लीला को 10 वीं स्कंद में वर्णित किया गया है। इतना ही नहीं कृष्णा प्रेम की अद्भुत गाथा है इसमें भक्तो की श्री कृष्णा के प्रति समर्पण ,प्रेम को बहुत ही भक्तिमय तरीके से वेद व्यास जी ने गाया है।
- ये ग्रन्थ सबसे आखरी ग्रन्थ है जिसको लिखने के बाद श्री वेद व्यास जी ने कोई और ग्रन्थ नहीं लिखा। ये इस ग्रन्थ की सबसे खास बात है।
- श्रीमद् भागवत में श्री विष्णु भगवान के 24 अवतारों के बारे में बताया गया है।
- जब जब धरती पे अधर्म बढ़ता है। जब जब भक्तो की पुकार उनका प्रेम अपनी चरमसीमा से आगे निकल जाता है। तो भगवान को धरती पे प्रकट होना पड़ता है। धर्म की स्थापन के लिए और भक्तो को दर्शन देने के लिए।
- श्रीमद् भागवत कृष्णा जी के जीवन से भरे हुए हैं। या ये कह सकते है श्रीमद् भागवत जी श्री कृष्णा का जीवन है। और श्रीमद् भागवत कृष्ण की व्यक्तिगत डायरी भी हैं।
- इसमें बताया गया है कि वृंदावन प्यार की भूमि कैसे है।
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क्यों पढ़ना चाहिए श्रीमद् भागवत :-
आज हमारा जीवन बहुत ही व्यस्त हो गया है। ऐसा नहीं की पहले के लोगो का जीवन व्यस्त पूर्ण नहीं था। उनके जीवन में व्यस्तता होने के साथ ही धैर्य, संतोष भी था। समय बदलता गया और हमारी जरूरते भी बदलती गयी। समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता परिवर्तन ही नियति का नियम है। आज हम जीवन जीने का ढंग भूलते जा रहे है। श्रीमद् भागवत(shrimad Bhagwat) हमें सही जीवन जीने का ढंग सिखाती है।
- श्रीमद् भागवत में इसका बहुत ही अच्छा प्रमाण मिलता है और सिख भी की। प्रेम सृष्टि का आधार है और स्वार्थ इंसान को विनाश की तरफ ले जाता है।
- केवल श्वास लेना ही जीवन नहीं है कर्तव्यपूर्ण कर्म में ही जीवन है। श्रीमद् भागवत हमें बार बार मरने से बचाती है जब तक हमें जीवन का परम लक्ष्य नहीं समझ आता जो सच्चिदानन्द पूर्ण परमात्मा है। तब तक बार बार हमें जन्म लेना पड़ेगा।
- श्रीमद् भागवत में से आपको शिक्षा मिलती है जब साथ छोड़ देते है जब आप अपना सब कुछ उस पूर्ण परमात्मा पर छोड़ देते है। तब श्री कृष्णा आपके कष्टों का पहाड़ उठा लेते है और आपकी रक्षा करते है।
- श्रीमद् भागवत में आपके सभी प्रश्नों का जवाब है। बस वो नज़र वो समझ होनी चाहिए जो उसे समझ सके। जो उनकी कृपा से ही संभव है।
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भगवद्गीता (Bhagavad Gita):-
महाभारत के भीष्म पर्व (6 वें भाग) का हिस्सा है। गीता में 18 छोटे अध्याय होते हैं और लगभग 700 श्लोक होते हैं। यह ऋषि वेद व्यास (जिन्होंने पूरे महाभारत की रचना की थी) द्वारा भी लिखा था। युद्ध के मैदान पर भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का जिक्र किया था। #GitaOurSpiritualHeritage महाभारत के अनुसार, भगवान कृष्ण ने उस समय को रोक दिया, जब महान युद्ध शुरू हो रहा था और गीता को अर्जुन से मानसिक रूप से स्थिर करने और बहादुरी से लड़ने के लिए पर्याप्त कुशल बनाने के लिए सुनाना था।
क्यों पढ़ना चाहिए भगवद्गीता (Bhagavad Gita):-
एक दिन पहले, अर्जुन युद्ध में जाने के लिए सभी पहलुओं में तैयार था लेकिन क्रुशेत्र (युद्ध स्थल) में प्रवेश करते समय गंभीर दिमाग में उलझन में उलझ गया, क्योंकि वह जिन लोगों के साथ लड़ने जा रहा था, वे अपने रिश्तेदार और शिक्षक थे। जांचें कि क्या आपके पास इन सभी संदेहों का उत्तर है, और यदि नहीं, तो आपके पास गीता पढ़ने का एक कारण है।
- एक प्रतिकूल परिस्थिति के दौरान सही क्या है, अपने कर्तव्यों का पालन करना या अपने प्रियजनों की देखभाल करना?
- अगर कर्त्तव्य पुकारता है धर्म की स्थापना करने के लिए परन्तु रिश्तेदारों ही अधर्म के पथ पे आगे निकल रहे हो तो क्या मुझे अपने रिश्तेदारों को मारना/सजा देनी चाहिए?
- जैसा कि मैं अपना कर्तव्य कर रहा हूं, क्या उनकी पत्नियों विधवाओं और बच्चों को अनाथ बनाने पर पाप मुझ पर होंगे?
- यदि हां, तो यह मेरे लिए उचित कैसे है?
- यदि नहीं, तो उन महिलाओं और बच्चों की गलती क्या थी?
- क्या हम अपने जीवन में सिर्फ जीत / पैसा चाहते हैं?
- यदि नहीं, तो हमारी अंतिम इच्छा क्या है?
- क्या हर आदमी खुश रह सकता है / क्या “अनन्त खुशी” मौजूद है?
- यदि नहीं, तो अधिकांश समय में कैसे खुश रहें?
- यदि हां, अनन्त खुशी प्राप्त करने के तरीके क्या हैं?
12 अलग-अलग स्कन्द ,335 अध्याय और लगभग 18,000 श्लोक
श्रीमद् भागवत ऋषि वेद व्यास द्वारा लिखे गए हैं।
गीता में 18 छोटे अध्याय होते हैं और लगभग 700 श्लोक होते हैं।
AK Mishra
Visit http://www.aaradhana.org for Srimadbhagwat
om vishnu
om vishnu
admin
jai shri Hari…
आचार्य राहुल कृष्ण शास्त्री
श्रीमद्भगवद्गीता में 720 श्लोक तथा 18 अध्याय है सभी अध्यायों के श्लोक धर्म,कर्म,भक्ति,श्रद्धा परक है
Bhupendra saini
क्या कोई ऐसा है जिसे श्रीमद्भागवत गीता का पूरा ज्ञान हो मुझे उनके नंबर चाहिए
Sainik
Hg Amerendra das . Amogh lila Parbhu. Gopal krishna goswami
And all of the above srila parbhupad ji 🙏🏻